जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव सुरौंधा का पुरवा महादेव। हिंया के सुनीता के शादी देउंधा गांव मा 2010 मा मतलबी नाम के मड़ई के साथै भे रहै। वा तीन बरस नींकतान से राखिस हवै। एक बरस से दारू पी के मारपीट कइके घर से निकार दिहिस हवै।
सुनीता का कहब हवै कि मोर मनसवा मोहिका एक बरस से बहुतै परेशान करत हवै। दारू पी के मार पीट करत हवै। मोर रूपिया जेवर सबै लइके जुंआ खेल डारिस अउर दारू पी डारिस हवै। या कारन मैं मइके मा रहत हौं।
मनसवा मतलबी का कहब हवै कि वा त्यौहार का बहाना कइके घर चली गे हवै। मैं लेवावैं जात हौं तौ नहीं आवत आय।
जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव सकरौंहा। हिंया के सुरतिया देवी चार बरस से अपने मइके मा रहत हवै। मनसवा कल्लू एकौ दरकी लेवावैं खातिर नहीं आवा आय। पढ़े लिखे नहीं आय कि कत्तौ कारवाही कइ सकै।
मनसवा कल्लू का कहब हवै कि वा कहत हवै कि तोरे परिवार वालेन के साथै न रहिहौं। यहै से वा नहीं रहत आय।
गांव के सुरतिया देवी का कहब हवै कि मोर शादी पन्द्रह बरस पहिले मारा चन्द्र गांव मा कल्लू के साथै भे रहै। मोरे दुइ बच्चा हवैं। मनसवा चार बरस से परेशान करत रहै अउर ऊपर से मार पीट करत रहै। घर मा खर्चा खातिर एकौ रूपिया नहीं देत रहै। यहै से दिन भर मैं अउर मोरे बच्चा भूंखन रहत रहैं। या कारन अपने बच्चन का लइके मइके मा आ के बाप महतारी के साथै रहत हौं। मनसवा कत्तौ झाकै तक नहीं आवा आय।
जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव रामपुर। हिंया के चुनकी के शादी बारह बरस पहिले बगदरी गांव मा बाबूराम के साथै भे रहै। वहिके दुइ बच्चा हवैं। उनका लइके चार बरस से मइके मा रहत हवै। मनसवा एकौ खर्चा नहीं देत आय।
चुनकी का कहब हवै कि मोर छोट-छोट दुइ बच्चा हवैं। मोर मनसवा बाबूराम मोर साथै बहुतै मारपीट करत रहै। मोहिका एकौ रूपिया खर्चा नहीं देत रहै। न मोर बच्चन का दे। कहत रहौं तौ ऊपर से मार पीट करत रहै। एक जून हमै भूखें रहै का परत रहै। मैं चार बरस से अपने मइके मा बाप महतारी के साथै कमात हौं अउर अपने बच्चन का पेट पालत हौं। मैं पढ़े भी नहीं आहूं कि यहिके कत्तौ दरखास लिखा दंेव। अबै तौ बाप महतारी हवै उनके साथै रहत हौं। आज काल तौ भाई कउनौ के नहीं होत आय। मनसवा बाबूराम का कहब हवै कि वा घर परिवार लइके नहीं रहत। या से मैं वहिका लेवावैं नहीं जात हौ।
मइके मा रहित हन
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