खबर लहरिया महोबा बीमारियों से मर रहे जानवर

बीमारियों से मर रहे जानवर

mahoba - animalsजिला महोबा, ब्लाक कबरई। जानवरों में फैली बीमारी ने किसानों के पसीनें छुड़ा दिए हैं। जहां एक तरफ गलाघोंटू जैसी बीमारी से लगभग एक महीना पहले काली पहाड़ी गांव में लगभग पचास जानवर मर गए थे, वहीं दूसरी तरफ रैपुरा कला गांव में खुरपका जैसी खतरनाक बीमारी से जानवर लगातार बीमार पड़ रहे हैं।
रैपुरा कला गांव की सुमित्रा के आठ-नौ जानवर हफ्ते भर से बीमार हैं। इसी गांव की रहने वाली पार्वती तो अब तक अपनी भैंस के इलाज में दो हजार रुपये लाग चुकी है। लेकिन बीमारी जानें का नाम नहीं ले रही है। टीकाराम यादव ने बताया कि वो चार दिन से बीमार अपनी पडि़या को महोबा अस्पताल लेकर गए लेकिन इलाज में देर होने से उसकी वहीं मौत हो गई। गांव के दिनेश तिवारी, खेंमचन्द्र और रामसिंह के जानवर भी हाल ही में बीमारी से मर गये हैं। अभी भी गांव में लगभग सौ जानवर बीमार हैं। पशु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बार-बार दरखास देने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहें है।
पंचायत मित्र सतीश ने बताया कि मैंने 10 अगस्त 2013 को एस.डी.एम. को फोन करके सूचना दी है। अभी तक एक डाक्टर को भेजा गया। उसने इलाज करने की जगह बीमार जानवरों को महोबा अस्पताल ले जाकर इलाज कराने की सलाह दी है। इसने न तो कोई दवा दी न कोई इन्जेक्शन लगाया। पशु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जे.के. कटियार ने बताया कि गलाघोटू के टीके पूरे क्षेत्र में लग चुके हैं। मुंहपका और खुरपका की वैक्सीन 15 अगस्त 2013 को आ गई है। टीके लगने शुरू हो गए हैं। नवंबर दिसंबर 2013 जानवरों तक टीकाकरण चलेगा।