जिला चित्रकूट। बिट्टो सिंह चित्रकूट जिला के कर्वी कस्बा के कसहाई गांव में रहते हैं। यह पांच वर्ष की उम्र से नाचने का काम रामलीला में कर रहे हैं।
तैंतीस साल के बिट्टो सिंह का कहना है कि मैं जब बांदा जिला के बबेरू कस्बा में रहता था तो वहां रामलीला करवाने के लिए राजस्थान राज्य से सन्जू गुप्ता नाम के कलाकार आते थे। उनका नाच देखकर मेरा मन भी थिरकने लगता। जब मैंने परिवार में यह बात रखी तो लोगों ने विरोध किया, कहा कि तुम ठाकुर परिवार से हो, कोई और पाठ कर सकते हो। पर मुझे तो नाचना ही पंसद था। मेरी लगन को देख मेरे परिवार वालों ने कहा ठीक है तुमको जो करना है करो। अपने गुरू से नाच सीखने में मुझे छह साल लगे नाच सीखने आज मैं देश के अलग अलग राज्यों में नाचने जाता हूं। मैं जब नाचता हूं तो साड़ी पहनता हूं, महिलाओं जैसा सिंगार करता हूं। इसलिए मेरा नाम बिट्टो सिंह से बिट्टो रानी पड़ गया। मेरे नाच का हज़ारों लोगों को इंतज़ार रहता हैं। मेरा सपना है कि मंै आगे चलकर दूसरों को नाच सीखाने का काम करूं, जिससे मेरी पहचान हमेशा लोगों के बीच बनी रहेगी।
बिट्टो सिंह से बने बिट्टो रानी
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