चित्रकूट जिला, ब्लाक रामनगर के पुरवा महुलिहा के मड़इन के आंखी बिजली का उजियारा देखै खातिर तरस गई हवै। पचास साल पहिले बसे या गांव मा अबै तक बिजली नहीं आई आय।
फूलचन्द का कहब हवै कि कइयौ पीढ़ी बीत गई हवै पै बिजली नहीं आई आय। राजपूत का कहब हवै कि हम जबै से होश संभाले हन तबै से हिंया बिजली नहीं देखे आहीं। धक्कू कुमार का कहब हवै कि लकड़ी-कंडा से खाना बनत हवै, बिजली हिय तौ सब व्यवस्था होइ जाय। सन्तोष कुमार का कहब हवै कि बिजली से होय वाली सुविधा का मोटर चला के पूर करे का पड़त हवै। राज नारायण यादव का कहब हवै कि एक दिया जला के खाना बना लेई चाहे बच्चा पढ़ा लेई। दस बजे तक खाना बनत हवै वहिके बाद बच्चा पढ़त हवै। बिजली न होय से बच्चा टीबी अउर दूसर चीजन के बारें मा न जान पइहैं। हिंया कउनौ विकास करावै वाले नेता नहीं बनत आहीं बस लुटे वाले नेता बने हवै तौ जनता का लूटत रहत हवै।
प्रधान देवीदयाल का कहब हवै कि बिजली खातिर सगले कहे हौं।सांसद प्रतिनिधि सुशील चतुर्वेदी का कहब हवै कि दीनदयाल ग्राम ज्योति के तहत बिजली लगाई जात हवै। दिसम्बर 2018 तक हुंवा बिजली लाग जई।
रिपोर्टर- सहोद्रा