उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका कहने को तो सबसे पिछड़ा और डकैतों के डर भयभीत माना जाता है| लेकिन लूटपाट , हत्या और मारपीट के मामले में सबसे आगे है| यहाँ आए दिन हत्या, मारपीट और लुटपाट जैसे मामले सामने आते हैं| कोई खेत कि रखवाली करते मारा जाता है, तो कोई मजदूरी और अपना खुद का धंधा करते हत्या और मारपीट का शिकार होता है| लेकिन उन मामलों के खुलासे पुलिस की लापरवाही के चलते महीनों लटके रहते हैं| पीडित परिवार न्याय पाने के लिए दर–दर भटकता रहता हैं| आज ऐसे ही कुछ बांदा और चित्रकूट जिले के मामलों को लेकर मैं बात करती हूं|
चित्रकूट जिले के पहाडी थाना अन्तर्गत आने वाले सकरौली गांव के भेड कारोबारी 75 वार्षिय देवी दयाल और उसके 45 वार्षिय बेटे देवीदीन की लुटेरों ने 4 जनवरी 2020 को हत्या कर भेडे़ं लूट ली और उनकी लाश को कर्वी कोतवाली अन्तर्गत आने वाले खोह स्थिति पुलिस लाइन के पास फेंक दिया|
लेकिन अभी तक उन लुटेरों का कोई पता नहीं चला| सुत्रों के मुताबिक पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और इसकी तहकीकात के लिए पीडित परिवार को लेकर पुलिस 7 जनवरी को जालौन जिले के कालपी स्थिति प्रसिद्ध भेड़ मेले में अपराधियों की तलाश के और छानबीन के लिए भी गई थी| पुलिस को वहाँ पर कुछ मोबाइल नंबर मिले हैं| जिसके आधार पर जांच पडताल और तेज की गई है| इसी तरह राजापुर और बरगढ थाना अंतर्गत दो किसानो की अलग–अलग तरह बेरहमी से हत्या कर एक को रेलवे ट्रेक पर फेंका गया तो दूसरे का शव 8 जनवरी को खेत में पडा़ मिला है|
इसी तरह बांदा जिले के देहात कोतवारी अंतर्गत आने वाले पपरेंदा गांव का कामता प्रसाद मध्य प्रदेश के सरबई कस्बे में निर्माण समाग्री की दुकान किये था| जिसकी दुकान के बाहर रात में सोते समय धारदार हथियार से हत्या कर दी गई| उन सभी परिवारों के घरो में इस समय कोहराम मचा हुआ है| लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिरकार कब तक इस तरह से आए दिन हत्याओं का सिलसिला चलता रहे गा| पुलिस जांच और कारवाई के नाम पर उन परिवारों को गुमराह करती रहेगी| कभी उनकी जांच पुरी होगी उन परिवारों को न्याय मिलेगा| य फिर ये मामले इसी तरह बढ़ते रहगें और पुलिस सिर्फ इसी तरह जांच के नाम पर लापरवाही करती रहेगी और अपराधियों के हौंसले बुलंद होते रहेंगें| क्यों नहीं कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं| जिससे इन मामलों में रोक लग पाए|
जिला बांदा ब्लाक जसपुरा गांव सबादा यहां की नीलम का घरेलू हिंसा का आरोप है कि लगभग मैं 5 साल से मैके में रहकर अपने बच्चों का पेट पालन कर रही हूं मजदूरी करके ससुराल वाले 4 साल पहले मुझे मारपीट कर घर से निकाल दिया था|
जब से मैं मायके में मजदूरी कर रही हूं और बच्चों का पेट पालन कर रही हूं अगर किसी दिन मजदूरी नहीं लगती है तो फिर बच्चे मेरे मजबूरी में यह टोला मुहल्ला में मांग कर खाना खाते हैं पैलानी थाना से मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई है अगर मेरी सुनाई नहीं हो रही है तो मजबूरी में हम लोगों ऊपर कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे इसलिए मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चों का खर्च दिलाया जाए अगर मेरा पति खर्च नहीं दे रहा है
तो मैं बच्चे सहित आत्महत्या कर लूंगा मेरा सरकार से यही निवेदन है कि मुझे खर्च दिलाओ जाए मेरे 4 बच्चे हैं मैं मजदूरी करके बच्चों का पेट नहीं भर सकती हूं कभी , बंशी डेरा, पति शिवनारायण मजदूरी नहीं लगती है कि रोज ही मजदूरी मैं कर सकूं कभी मजदूरी लगती है कभी नहीं लगती है कहां से मैं चार बच्चों का पेट पालन कर पाऊंगी इसलिए हाथ जोड़कर मांग कर रही हूं कि मुझे न्याय चाहिए
अगर मुझे न्याय नहीं मिलेगा तो मैं बच्चा सहित आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाओगे कई दरकी में पैलानी थाना में अपनी समस्या की गुहार लगाई है आज तक मेरी कोई सुनाई नहीं हुई है आगे की कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगे मुकदमे लाऊंगा सहायता लेना चाहती हूं सरकार द्वारा ससुराल पक्ष देवनारायण देवर का कहना है कि कई बार मेरा भाई शिवनारायण दीवाने भाभी को गया है
तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद निवासी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रियंका रेड्डी की अधजली लास हाइवे पर 27 नवंबर को देखी गई। मामला सामने आया कि चार लोगों ने उनका बलात्कार किया फिर जिंदा जला दिया। चारो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसलिए बांदा के महेश्वरी देवी चौक में कैंडल जलाकर दी गई श्रंद्धांजलि|
इस मामले को लेकर पूरे देश में आक्रोश जारी है। लोग धरना प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाल रहे हैं। आज बांदा शहर के महेश्वरी देवी चौक में कैंडल जलाकर श्रंद्धांजलि दी गई। डॉ की फोटो देख बच्चे और महिलाएं सहम गए। सोचने को मजबूर होते नज़र आये कि क्या बुंदेलखंड भी सुरक्षित है?