बिहार में 7 अप्रैल 2015 से सब प्रथमिक अउर मध्य विधलय बन्द हइ्र। कारण कि शिक्षक लोग वेतनमान करे के लेल हरताल कयेले छथिन । एइ्र हरताल में सरकार अउर शिक्षक के कुछो न बिगड़ रहल हई। मारल जाई छई बच्चा अउर अभिभावक, कारण कि बच्चा के पढ़ाई के कोर्स पुरा न हो रहल हई ।
लगभग सवा महिना से विद्यालय बन्द हई। जेई कारण बच्चा सब कहई छथिन हमर सब के पढ़ाई न हो पवई छई। इ हरताल एक दु दिन के लेल न हई। कहिया तक रहतई से न पता हई। शिक्षक सब अपन रूपईया बढ़ावे के लेल बच्चा सब के जिन्दगी से खिलवार कर रहल छथिन। अभिभावक सब कहई छथिन एक विद्यालय से दुसरा विद्यालय में बच्चा के नाम लिखावे के हई। बन्दी के कारण न लिखा रहल हई। जेइ कारण बच्चा एने ओने दिन भर भटकईत रहई छई।
एई में सरकार के भी कुछो न जा रहल हई। एई में मर रहल हई गरीब वर्ग के बच्चां अमीर परिवार के बच्चा प्रइवेट विधालय में पढ़इ छई। लेकिन गरीब के बच्चा के सरकारी विधालय के सहारा हइ्र। चाहे विधालय में पढ़ाई होय या न होयं लेकिन खुलल रहे से विद्यालय में बच्चा जाइत रहलक। अगर सरकार एई हरताल पर बिचार न करथिन त शिक्षक अउर सरकार बच्चा के जिन्दगी अउर भविश्य से खिलवार कर रहल छथिन। जेइ कारण आवे वाला दिन के लेल बच्चा के पुरा शिक्षा न मिल पा रहल हई।
बच्चा के जिन्दगी के साथ खिलवार
पिछला लेख