चित्रकूट। यहां जाति प्रमाण पत्र निवास और आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। इस काम के लिए जनसेवा केंद्र खोले गए थे। इनमें से कुछ खुलते ही नहीं जो खुलते हैं वहां काम नहीं होता।
कर्वी ब्लाक, गांव रैपुरवामाफी। यहां की आकांक्षा नें बताया कि इस साल दसवीं कक्षा में नाम लिखवाना है। लेकिन जाति और आय प्रमााण पत्र नहीं बन रहा है। उसके लिए शिवरामपुर जनसेवा केन्द्र में पच्चीस दिन पहले फार्म भी जमा किया है।
मऊ ब्लाक गांव खण्डेहा। यहां के अशोक ने बताया कि आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाना है। मेरी होम गार्ड में नौकरी लग गई है। अब मुझे प्रमाण पत्र जमा करने हैं। लेकिन बन ही नहीं पा रहा। किराया लगाकर कई बार मऊ जा चुका हूं। इसी गांव के दिनेश ने बताया कि उसकी लड़की की शादी होनी है जिसके लिए उसे सरकारी अनुदान फार्म भरना है। लेकिन जाति और आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटक रहा हूं।
मानिकपुर ब्लाक, गांव निही। यहां के रामकिशोर ने बताया कि मेरा बेटा इस साल ग्यारह में पढ़ाई करेगा। इसलिए जाति और आय प्रमाण बनवाने के लिए गांव सरहट के पटापुरवा के जनसेवा केन्द्र के चक्कर काट रहा हूं। आने जाने में पन्द्रह सौ रुपये खर्च हो चुके हैं।
पहाडी ब्लाक, गांव चकौंध। यहां की मनीशा और आरती ने बताया कि कक्षा दस में नाम लिखाना है। हमारे यहां का जनसेवा केन्द्र ही बंद रहता है।
जिला सूचना विज्ञान केन्द्र के अधिकारी मनोज यादव का कहना है कि 30 जून और 1 जुलाई तक में 55281 फार्म भरे गए हैं। इसमें से 52497 प्रमाण पत्र बन गए हैं।