बिहार के दशरत मांझी को कहते हैं लोग पर्वत मानव। क्यों? क्योंकि दशरत ने अकेले हिलाया चट्टान और बनाया सड़क। दशरत एक गरीब आदमी था जो बिहार के गया जिले के गह्लोर गाँव में रहता था। उसका गाँव बहुत पिछड़ा था। गाँव वालों को एक पहाड़ पार करके ब्लाक जाना पड़ता था। किसी भी काम के लिए सत्तर किलोमीटर की दूरी पार करनी पड़ती थी।
एक दिन इस ही चट्टान की पतली सड़क पार करते दशरत की पत्नी फाल्गुनी गिर गयी और दूरी की वजह से उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया सका। फाल्गुनी नहीं बच सकी। लेकिन दशरत ने उस दिन तय किया की किसी और व्यक्ति को उनकी पत्नी की नौबत नहीं आएगी और निकल पड़े उस चट्टान को हिलाने।
सिर्फ एक हतौड़ा और छेनी से बाइस साल खुदाई की और बनाया तीन सौ साठ फीट लम्बी सड़क। इस सड़क ने गाँव से ब्लाक की दूरि पिच्चतर किलोमीटर से पन्द्रह किलोमीटर कि। 2007 में दशरत चल बसे लेकिन किया अपने गाँव वालो का जीवन आसान। आज उनपर एक फिल्म बन रही है और दशरत का किरदार निभा रहे है नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी। फिल्म के निर्देशक हैं केतन मेहता। फिल्म गह्लोर गाँव में ही बन रही है और दुनिया भर में इसे देखने के लिए बहुत चाह जागी है। दशरत की कहानी एक अजूबा से कम नहीं।
पर्वत मानव दशरत मांझी
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