पत्रकारन का लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जात हवै, काहे से वा जनता तक सही खबर पहुंचावत हवै पै या समय मध्यप्रदेश, बिहार अउर उत्तर प्रदेश मा पत्रकारन के ऊपर होय वाले हमला से या स्तम्भ कमजोर होत जात हवै। चित्रकूट जिला के अमर उजाला अख़बार के पत्रकार का आरोप हवै कि 6 अप्रैल का तिलौली गांव मा पत्थर खनन के खबर करत दरकी खनन ठेकेदार वहिके साथै मारपीट करिन हवै।
पत्रकार नरेंद्र खड़े का कहब हवै कि दिलीप कुमार के सूचना मा मैं तिलौली गांव मा अवैध खनन के खबर करे गये रहेंव तौ हुंवा पहुंचतेन ठेकेदार चिल्लाय लाग कि मैं दुई नम्बर का काम नहीं करत आहूं। जबै मैं लउटे लागेव तौ दुई मड़ई आये अउर गाली दें लाग, मोर मोबाइल अउर कैमरा छोड़ा लिहिन फेर मोहिका बांध के मारिन हवै। शाम के जबै मैं इंस्पेक्टर का बतायेव तौ वा कहिस कि तुम विवाद वाला काम करत हौं। ठेकेदार के रपट पहिले, मोर रपट बाद मा लिखी गे हवै। पुलिस ठेकेदार का पक्ष लेत हवै। चितवार वाली खबर के कारन मोरे ऊपर उल्टा मुकदमा कइ दीन गा हवै।
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश सचिव प्रफुल्ल तिवारी का कहब हवै कि हमें विश्वास हवै कि पत्रकारन के साथै नियाव कीन जई, सुनवाई न होई तौ मुख्यमंत्री से भी मिलबै, काहे से पत्रकारन के साथै बहुतै गलत होत हवै। सुशील शुक्ला का कहब हवै कि या बहुतै गलत घटना आय, पत्रकारन का दबावा जात हवै कि सही खबर न छापी जायें, यहिमा अधिकारी भी शामिल रहत हवै।
एसडीएम राममूर्ती त्रिपाठी का कहब हवै कि इंस्पेक्टर कहत हवै कि थाना दिवस के बाद कारवाही कीन जई।
रिपोर्टर- सुनीता देवी