खबर लहरिया बाँदा नियाव के आसरा मा बीत गे तीन महीना

नियाव के आसरा मा बीत गे तीन महीना

जिला बांदा थाना गिरवां का एक गांव । हेंया का एक आदमी आपन औरत के साथै भा बलात्कार के केस मा नियाव पावैं खातिर हाईकोर्ट मा भी दरखास दिहिस पै वहिका अबै तक नियाव नहीं मिला है।
एक आदमी बताइस कि वा कशेरूवा गांव मा वोडाफोन के टावर मा गार्ड के नौकरी करत रहै। टावर मा धरा टंªास्फारमर से दादू, अयोध्या अउर बिहारी केबल फंसा के आटा चक्की अउर बोर चलावत रहंै। 26 फरवरी का केबल फंसावै से मना करेंव तौ राम दुलारे 12 बोर के बंदूक, राम चन्द्र 12 बोर के बंदूक, पप्पू 12 बोर का तमंचा अउर छोटेलाल अयोध्या अउर दादू लाठी लइके आ गे। मोरे औरत का बाल पकडें घसीटन अपने घरै लइ जाय के साड़ी से पैर बांध दिहिन अउर बारी बारी से बलात्कार करिन। दुई जने मोरे सीने मा बंदूक अडै़य रहैं। मैं आपन औरत का थाना गिरवां लई गएंव तौ पुलिस रपट नहीं लिखिस एस. पी. अउर डी. आई. जी. का दरखास दे ंके बाद 10 दिन बाद रपट लिखी गे है। अपराध संख्या 38/2015 है धारा 147, 376 डी अउर 506 आई पी सी लाग है। औरत के कलम बंद बयान भी होइगे हैं पै कारवाही नहीं होत है। विपक्षी मोहिका अउर मोरे औरत का जान से मारे के धमकी देत है। मैं 25 मार्च 2015 का इलाहाबाद हाई कोर्ट मा नियाव के गोहार लगाये हौं। होंआ मोहिका पच्चीस हजार का खर्चा आवा है। 7 अप्रैल का हाई कोर्ट बांदा पुलिस का जांच का आदेश भेजिस है।
नरैनी के क्षेत्राधिकारी अरूण कुमार कहिन कि 9 मई का गिरवां थाना से केस से सम्बन्धित कागज आए हैं। जेहिमा लिखा है कि बलात्कार का मामला झूठ है। पै बलात्कार के मेडिकल जांच खातिर लखनऊ के पयोग शाला मा भेजा गा है। हांेआ के पिचोर्ट आवै के बाद सही गलत का पता लागी । मामाला अबै बिवेचना मा चलत है।