जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव सिकरी। हिंया के संदीप, रन्नू, सुशीला लगभग दस मड़ई बताइन कि हमारे हिंया तीन बरस से आंगनबाड़ी बच्चन का पंजीरी नहीं देत आय। न बच्चन का लेवावै जात हवै।
हिंया के मड़इन का कहब हवै कि हमार छोट-छोट बच्चा घरन मा खेलत रहत हवै, पै आगनबाड़ी तीन बरस से कत्तौ लेवावै नहीं गे हवैं। अगर हमार बच्चा छोट-छोट स्कूल जाये लागत तौ उंई आगे पढ़ सकत हवै, पै हमार गरीबन के बच्चन का नहीं पढ़ावत हवै।
आगनबाड़ी शीला देवी का कहब हवै कि मोर केन्द्र मा चालिस बच्चा रोजै आवत हवै। उनका पंजीरी दीन जात हवै। धात्री मेहरिया सोलह हवैं। गर्भवती इक्कीस हवै। उनका शनिवार के दिन पंजीरी दीन जात हवै। सरकार कइती से हर छह महीना मा सर्वे कीन जात हवै।
नहीं मिलत पंजीरी
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