नई दिल्ली। 30 जनवरी को राजधानी दिल्ली में पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के लड़के नीडो तानियाम की अचानक मृत्यु हो गई। मामले ने नस्लवाद (रंग आधारित भेदभाव) का सवाल एक बार फिर उठाया क्योंकि एक दिन पहले कुछ लोगों ने नीदो से पूर्वोत्तर भारत के लागों के पहनावे को लेकर लड़ाई की थी।
जांच पर पता चला कि उन्नीस साल के नीडो का 29 जनवरी को दिल्ली के लाजपत नगर बाज़ार में कुछ दुकानदारों से झगड़ा हुआ था जिसके बाद दुकानदारों ने उसकी पिटाई की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने नीदो को हिरासत में लिया पर थोड़ी देर बाद उसी बाज़ार में उसे छोड़ आए। दिल्ली के ‘एम्स’ अस्पताल के डाक्टरों ने कहा कि नीडो के शरीर पर चोट के निशान मिले पर मौत का कारण बताना मुश्किल है। दिल्ली में पढ़ रहे कई पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों ने पुलिस की लापरवाही और लोगों के रवैये के खिलाफ विरोध किया।
दिल्ली में भारी तादात में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों (असम, मणीपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा) से लोग पढ़ने और काम करने आते हैं। क्योंकि यहां के लोग अलग दिखते हैं, इन के रहन सहन पर लोग ताने कसते हैं। नीडो के बालों का लोगों ने मज़ाक बनाया और बात इतनी बढ़ गई कि उसकी मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची पर अब उनकी भूमिका पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।