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दिल्ली में फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार | Delhi Election Results

दिल्ली में फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। कुल 70 सीटों में से 63 सीटें पाकर एक बार फिर से लगातार तीसरी बार अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेंगे।

 

आज सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई। दिल्ली की कुल 70 सीटों में जहां आम आदमी पार्टी को 63 सीटें मिलीं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी को कुल सात सीटें मिल पाई। कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां तो खाता भी नहीं खोल पाईं।

गिनती की शुरुआत से ही आप पार्टी बढ़त बनाए थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी जीतेगी। जैसे दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी कह रहे थे कि “भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच मतगणना में वोट का बहुत बड़ा गैप चल रहा है, फिर भी हम आशावादी हैं।” वहीं गिनती शुरू होने से पहले उन्होंने मीडिया के सामने हनुमान चालीसा गुनगुनाई।

मनोज तिवारी ने आज सुबह ही दावा किया था कि उनकी पार्टी 55 से अधिक सीट हासिल करेगी। हालांकि, थोड़ी देर बार रुझान में बड़े अंतर दिखने पर उन्होंने कहा- नतीजे जो भी रहें, जिम्मेदारी उन्हीं की ही रहेगी। जबकि चुनाव प्रचार के दौरान उनके एक ट्वीट ने बता दिया था कि वह हर मानने को तैयार नहीं होंगे पर इसको छिपाया तो नहीं जा सकता न। एग्जिट पोल जानते हुए भी यह दावा कर रहे थे कि उनकी जीत पक्की है।

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने भी नतीजों से पहले मंत्र ट्वीट किया.
ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय।।
मतलब कि,
“हे ईश्वर! हमको असत्य से सत्य की ओर ले चलो। अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मृत्यु से अमरता के भाव की ओर ले चलो।”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने दिल्ली में पार्टी के प्रदर्शन पर कहा है- हमें पहले से ही पता था कि क्या होगा (कांग्रेस का)। असल सवाल है कि आखिर बीजेपी को क्या हुआ, जो कि बड़े दावे ठोंक रही थी?हरियाणा चुनाव में क्या है युवाओं की राय | हरयाणा विधानसभा

इस चुनाव आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर रही। जहां भारतीय जनता पार्टी साम्प्रदायिकता के तमाम मुद्दों जैसे नागरिकता संशोधन बिल, धारा 370, तीन तलाक, राममंदिर और बालाकोट मामले के बल पर चुनाव जीतने का दावा कर रही थी वहीं आप पार्टी अपने द्वारा किये गए विकास कार्यों के दम पर उम्मीद लगाए थी कि उनकी जीत पक्की है। जिस तरह से चुनाव के  नतीजे सामने आए उनको देखकर लगा ‘जीओ और जीने दो’ के लिए अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार समेत मूलभूत सुविधाओं की जरूरत अहम है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कराकर औपचारिकताएं जरूर पूरी की गईं हैं लेकिन लोगों की राय और रुझान ने पहले ही बता दिया था कि फिर से आप पार्टी की जीत पक्की है। शायद इसी का नतीजा है कि दिल्ली के मतदाओं ने विकास के नाम पर वोट किया। भले ही आप पार्टी ने चुनाव जीता हो लेकिन यह बीजेपी की तर्ज पर ही जीत हुई। जिस तरह से बीजेपी पार्टी का चेहरा नरेंद्र मोदी है उसी तरह से आप पार्टी का चेहरा अरविंद केजरीवाल है।

 

8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मतदान हुआ था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच टक्कर रही। दिल्ली में 81,05,236 पुरुष मतदाता, 66,80,277 महिला मतदाता और 869 तीसरे लिंग के मतदाताओं के लिए कुल 13,570 मतदान बूथ बनाए गए थे।  सभी 70 विधानसभा सीटों पर कुल 672 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे थे जिसमें 148 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। 9 फरवरी को दिल्ली चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि चुनावों में 62.59 प्रतिशत वोटिंग हुई है, जो लोकसभा चुनाव 2019 से 2 प्रतिशत ज्यादा है।