खबर लहरिया राजनीति जीका वायरस का बढ़ता खतरा

जीका वायरस का बढ़ता खतरा

zikaमंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) ने जीका वायरस को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया।
मच्छर से फैलने वाले इस वायरस को असाधारण घटना करार देते हुए डब्ल्यू एच ओ ने इस आपातकाल की घोषणा की। यह वायरस अभी तक ब्राजील के साथ दक्षिण अमेरिका के 23 देशों में फैल चुका है।
डब्ल्यू एच ओ ने यह आशंका जताई है कि अगले साल तक सिर्फ अमेरिका महाद्वीप में ही 40 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। जीका वायरस से पहले डब्ल्यू एच ओ ने 2014 में इबोला वायरस को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था।
एडीज से फैलता है जीका वायरस
‘एडीज’ मच्छर जीका वायरस के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया भी फैलता है।
जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है। इस वायरस की वजह से बच्चे छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं। जिसे माइक्रोसेफैली कहा जाता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें बच्चे का दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है।
बच्चों और बड़ों में जीका वायरस के लक्षण एक जैसे ही हैं – बुखार, शरीर में दर्द, आंखों में सूजन, जोड़ों में दर्द और शरीर पर चकत्ते आ जाते हैं।
इसका पहला मामला 1947 में अफ्रीका के युगांडा देश में सामने आया था।