जि़ला बांदा, नरैनी। आइए हम आपको भाईजान की एक खास बात बता रहे है। ओ हो हो….. कौन से वाले भाईजान? ये भाईजान सलमान खान नहीं है। ये हैं माहिर भाईजान उर्फ अब्दुल रज़्ज़ाक।
पचास साल के अबदुल रज़्ज़ाक बताते है कि वे पांच साल की उम्र से ही कीड़ो के साथ रहते हैं। ‘‘ज़हरीले सांप, कीड़े मकोड़े, बिच्छू, विचाखपर मेरे दोस्त हैं। इन सब कीड़े को पकड़ने के लिए मुझे महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर से लोग बुलाते है।
मैं सांप को पकड़कर उसका ज़हरीला दांत निकाल देता हूं। फिर उसे तब तक अपने पास रखता हूं जब तक वो ठीक ना हो जाए। उसके बाद उसे मैं जंगल में छोड़ देता हूं। कीड़े बिच्छू के साथ रहने की ये ये कला मैंने पनगरा गावं के उस्मान से सीखी है।’’
ज़हरीले कीड़े के दोस्त- भाईजान
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