जिला सारन, बिहार। यहां के मशरक ब्लाक के धर्मशती गंडमन प्राइमरी स्कूल में ज़हरीला खाना खाने से 16 जुलाई को तेइस बच्चों की मौत हो गई। मामले की जांच में पता चला है कि खाने में ज़हर था। स्कूल की प्रधानाचार्या मीना देवी को सस्पेंड कर दिया गया है। मीना और उसके पति अर्जुन राय फरार हैं।
स्कूल की रसोइया और खुद बच्चों ने भी खाने के बारे में शिकायत की थी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। दूसरी ओर मधुबनी जिले में भी मिड डे मील खाकर पचास बच्चे बीमार हो गए। स्कूल में बीमार हुए बच्चों के लिए एंबुलेंस कई घंटों बाद पहुंची और इलाज में भी ढिलाई देखी गई।
17 जुलाई को मशरक में गुस्से से भरे लोगों ने तोड़फोड़ की और स्कूल बंद रहे। मरे हुए में से उन्नीस बच्चों को स्कूल के बाहर ही दफनाया गया। पूरे राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुतले जलाए गए और मिड डे मील योजना को खत्म करने की मांग की गई। कई स्कूलों में बच्चे खाना नहीं खा रहे हैं। बिहार सरकार ने मरने वाले बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख मुआवज़ा देने की घोषणा की है।
खाने के अधिकार मामले में बिहार राज्य की सलाहकार रूपेश इस घटना के लिए योजना के लागू होने में ढांचागत कमियों और सख्त निगरानी न होने को जिम्मेदार मानते हैं। उनके अनुसार स्कूलों में शिक्षिका पढ़ाती भी है और इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी भी उस पर है। अधिकतर स्कूलों में एक ही टीचर है। बच्चों के अधिकारों को लेकर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने इस पूरी घटना पर सवाल खड़े किए हैं।
ज़हरीला खाना खाने से बच्चों की मौत
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