नई दिल्ली। 13 अगस्त को लोकसभा में जजों की नियुक्ति के लिए नए कानून वाला विधेयक पास हो गया है। इसके अनुसार अब छह सदस्यों का आयोग बनेगा। इन सदस्यों की सहमति से ही हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज चुने जाएंगे। जबकि अभी तक सुप्रीम कोर्ट के जज ही नए जजों की नियुक्ति करते थे। हाल ही में नियुक्ति प्रक्रिया में भेदभाव किए जाने के कई मामले सामने आने के बाद इस नए सिस्टम को बनाने की ज़रूरत महसूस हुई।
क्या था पुराना सिस्टम
पुराने सिस्टम की शुरुआत 6 अक्टूबर 1993 से हुई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जे.एस. वर्मा की छह सदस्यों की टीम ने बनाया था। इसका नाम था कोलेजियम सिस्टम। इसमें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति करते थे।
क्या है नया सिस्टम
नए सिस्टम में छह लोगों का एक आयोग बनेगा। आयोग की अगुआई अभी भी सुप्रीम कोर्ट के दो जज करेंगे। लेकिन इसमें कानूम मंत्री, दो जानी मानी हस्तियां भी शामिल होंगी। इसमें लोकसभा के सदस्यों की सलाह भी ली जाएगी। आयोग के छह में से अगर दो लोग किसी नए जज की नियुक्ति के पक्ष में नहीं हैं तो उसकी नियुक्ति नहीं होगी।