चित्रकूट से 3 किलोमीटर दूर कर्वी केे देवांगना रोड पर स्थित गणेश बाग यहां के सबसे पसंदीदा बागों में से एक है। इस बाग का निर्माण पेशवा राजा, विनायक राव द्वारा 1800 ईसवीं से पहले हुआ था। इस बाग का उपयोग पेशवाओं द्वारा गर्मियों में शाही खेल खेलने के लिए किया जाता था। इसका विशाल तालाब और लम्बी, गहरी बावड़ी विशेष रूप से गर्मियों में इस्तेमाल की जाती होगी, ऐसा प्रतीत होता है।
यहां का खुबसूरत और विशेष तरह की नकाशी से बना शिव मंदिर इस बाग का मुख्य आकर्षण है। जिसे स्थानीय लोग ‘गणेश मंदिर’ के रूप में जानते हैं। इस मंदिर में कामुक मूर्ति कला देखने को मिल सकती है। खास कर इस मंदिर के गुंबदों पर खजुराहो मंदिर की तरह मूर्ति कला उकेरी गई है। मंदिर के बरामदे में चारों ओर से सीढि़यों से घिरा एक तालाब है जो मंदिर के सौन्दर्य को बढ़ाता है।
इस मंदिर के अलावा यहां सात मंजिला बनी बावड़ी भी देखने को मिलती है। यह पानी एकत्र करने का बेहतरीन तरीका और कला का एक शानदार नमूना है।
यही नहीं, इसी के आस-पास पेशवाओं के आवास भी बने हैं जो लगभग खंडर हो चुकें हैं लेकिन उनकी बनावट आज भी आकर्षित करती है। गणेश बाग घूमते हुए, इसके पास के रामघाट और जानकी कुंड भी देखे जा सकते हैं।
-प्रियंका सिंह
गणेश बाग के बारे में नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़िए गहराई से।
ये भी देखें :