लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अस्सी सीटों में से तिहत्तर भारतीय जनता पार्टी को तो मिलीं लेकिन साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए कई सवाल खड़े कर दिए। जहां सपा को केवल पांच सीटें मिलीं वहीं बसपा को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली।
अखिलेश यादव ने 20 मई को सपा के छत्तीस नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इनमें से बत्तीस नेता ऐसे थे जो राज्य स्तर के मंत्री थे। पार्टी के कुछ लोगों ने बताया कि इन लोगों को इसलिए हटाया गया था क्योंकि ये पार्टी के लिए चुनाव के समय वोट नहीं जुटा पाए थे।
दूसरी ओर बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी की मीटिंग में तय किया कि पूरी पार्टी का ढांचा बदला जाएगा। उन्होंने पार्टी मंे बनी टीमों को नए सिरे से बनाने का फैसला सुनाया और कहा कि इन टीमों के नेतृत्व के लिए केवल उन लोगों को रखा जाएगा जिनका इस चुनाव में योगदान रहा है।
चुनाव में हार के बाद पार्टियों में बदलाव – सपा और बसपा में नए चेहरे
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