नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव से ठीक पहले यानी 4 फरवरी को आम आदमी पार्टी विवादों में घिर गई है। दरअसल 3 फरवरी की रात बारह बजे आम आदमी पार्टी के खाते में चार कंपनियों की तरफ से पचास पचास लाख के चार चेक जमा किए गए थे।
आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ चुके लोगों के संगठन आवाम का आरोप है कि यह सारी कंपनियां फर्जी हैं। इस तरह के चंदे का इस्तेमाल पार्टी हमेशा से करती रही है।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस सारे मामले पर जांच करवाने के लिए कहा है। पर यह चंदा आधी रात को बिना पार्टी द्वारा किसी जांच पड़ताल के कैसे और क्यों खाते में आया, इसका सीधा जवाब वह नहीं दे रहे हैं।
बेहिसाब चंदे का अब तक नहीं मिला हिसाब
लोकतंत्र में सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म और नेशनल इलेक्शन वाच की रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता नहीं है। 2013-2014 में सभी राजनीतिक पार्टियों को मिले कुल चंदे के पचहत्तर प्रतिशत हिस्से के बारे में सही सही जानकारी अभी तक चुनाव आयोग को नहीं सौंपी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 2013-2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मिले चंदे की जानकारी वाली रिपोर्ट अब तक भाजपा ने चुनाव आयोग को नहीं सौंपी है। कांग्रेस ने भी उन सभी लोगों के पैन कार्ड नंबर चुनाव आयोग को नहीं सौंपे जिन्होंने इन्हें चंदा दिया था।
दिल्ली में फिर चर्च पर हमला
नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के बसंतकुंज इलाके में मौजूद सेंट अल्फांसो चर्च में 2 फरवरी को हमला हुआ। तोड़फोड़ की गई। हमले में चर्च का कुछ सामान भी चोरी हो गया है।
चर्च के प्रशासन का कहना है कि पिछले करीब ढाई महीनों के भीतर दिल्ली में अलग अलग चर्च में पांच हमले हुए हैं। यह योजना के तहत किया जा रहा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बारे में दस दिन के भीतर जवाब मांगा है।
गृमंत्रालय की तरफ से दिल्ली पुलिस को अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने और अभी तक हुए हमलों की एक रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।
दिल्ली कब कब हुए हमले
14 जनवरी को विकासपुरी स्थित चर्च में हमला।
3 जनवरी को रोहिणी स्थित चर्च में हमला
7 दिसंबर को जसोला स्थित चर्च में हमला
1 दिसंबर को दिलशाद गार्डेन स्थित चर्च में हमला