खाना खा लीन हवै हाथ कहां धोई? पियास लाग हवै पै पानी नहीं आय। बोतल भरके पानी लाये रहै, सब खतम होइगा। या बतावत हैं चित्रकूट जिला के कलचिहा गांव के सरकारी स्कूल के बच्चा। हिंया साल भर पहिले पाइपलाइन तौ लगाई गें रहै पै अबै तक पानी के कउनौ व्यवस्था नहीं आय।
अमित कुमार गर्ग का कहब है कि सात आठ नल हवै वै नींक पानी नहीं मिलत आय।
अरविन्द कुमार बताइस कि हिंया का पानी गन्दा रहत हवै अउर बदबू भी आवत हवैं। टंकी मा पानी नहीं आवत आय।
चिराग शुक्ला का कहब हवैं कि हिंया ट्यूबवेल लगाये जात हवैं तौ सफल नहीं होत आहीं। वहिमा जंग लाग पानी निकलत हवैं।
प्रभारी हेड मास्टर इच्छा कुमारी का कहब हवै कि नल तौ चलत हवै पै तीन नल मा तेल जैसे पानी। समरसेबल मा नींक पानी आवत हवैं। तौ वहिमा स्कूली बच्चा पियत हवैं। दुइ-दुइ समरसेबल अउर छह सात नल लाग हवैं पै पानी के सप्लाई कम होत हवै, यहै कारन हम चाहित हवै कि सप्लाई वाला पानी हमार स्कूल मा आ जायें हम स्कूल मा आरों लगवाइत हवैं जेहिमा बच्चन का फिल्टर पानी पिये का मिलै।
जल निगम के जेई अतुल कुमार बताइन कि हम कोशिश करित हवैं कि एक सप्ताह मा स्कूल का पानी पहुंच जायें।
रिपोर्टर- सुनीता देवी