मध्य प्रदेश, जिला का पाथर कछार गांव। लगभग तीन साल से मइके मा माहतारी बाप के लगे चार छोट छोट लड़किन साथै गुजर करैं वाली फूला आपन बीती कुछ इनतान बताइस है।
फूला बताबत है कि मोर शादी लगभग 15 साल पहिले जिला बांदा, ब्लाक नरैनी के गांव रेहुंची मा रहैं वाले बाबू साथै भे रहै। बाबू के चाचा के बच्चा न रहैं या मारे मोर पूरा परिवार वहिके हर काम मा मद्द करत रहै। तीन साल पहिल दुपहरी का चाचा ससुर आवा अउर मोरे मनसवा बाबू का ट्रैक्टर लइके खेत आवैं का कहिस वा दुपहरी मा काम करैं जाय से मना करिस तौ चाचा राम सिंह वहिका खूबै गाली गलौज करिस। या बात का लइके काफी विवाद होईगा। येत्ती बात का बदली चाचा ससुर राम सिंह मोरे मनसवा के हत्या कर दिहिस है, पै मोर सास ससुर वहिके ऊपर कउनौ भी कारवाही करैं का तैयार नहीं भे। उनका तौ अपने लड़का से ज्यादा चाचा के हैसियत पियार रहै। यहै कारन रहै कि उंई मोर पक्ष न लइके चाचा का साथ दिहिन।
मैं आपन चारो लड़किन का लइके मइके चली आयेंव। होंआ माहतारी बाप के साथ उनका काम बूत करा के आपन अउर लड़किन का पेट तीन साल से कउनौतान पालेंव। साथै चाचा ससुर से केस भी लड़त हौं, पै आज तक न मोहिका ससुरल से कउनौ सहयोग मिला न ही सरकार से मिलै वाला आर्थिक योजना का लाभ मिला। मैं एक गरीब अउर असहाय औरत तीन साल होईगे बराबर नरैनी तहसील अउर बांदा मा कोर्ट के चक्कर बाप का साथ मा लइके काटत हौं कि मोहिका नियाव मिलै अउर सरकार से कुछ मद्द भी मिल जाय। कहे से चार साल मा लड़की शादी लायक होत है अउर ससुरल वाले अब हिस्सा भी दें का तैयार निहाय। यहिसे बहुतै परेशान रहत हौं। ऊपर से दबाव भी बनावा जात है कि राजी होई जाय। जब अबै ससुरल वाले मोरे लड़किन के पढ़ाई लिखाई अउर खाना खुराक का नहीं दई सकैं तौ राजी होय से का मिली। मोर मनसवा तौ जिन्दगी भर का चला गा। जेहिके कारन मोर अउर मोरे लड़किन के जिन्दगी बरबाद है। न उंई बिना रूपिया ठीक से पढ़ लिख पावैं न खा पी पावंै। अब पता नहीं इनतान के जिन्दगी कब तक भोगैं का परी। या सोच सोच के तौ रात रात भर नींद नहीं आवत। आज काल के मंहगाई मा एक एक रूपिया मुश्किल है। महतारी बाप तक तौ कउनौतान गुजर होई गा, पै अब भाई भौजाई के राज आ गे है अउर मोरे पास कउनौ आय का साधन निहाय।
अगर ससुरल वाले लडकियन के नाम ही कुछ कइ देत तौ भी मन का शांति मिल जात, पै उनका कउन कुछ बिगड़ा है। उंई तौ मोहिका कहत है कि राजी होई जा पै मोहिका आपन मनसवा पियार रहै कउनौ के जायजत नहीं। या मारे मैं राजी होय का तैयार निहाय।
रिपोर्टर – गीता