भारत में शौचालयों की चुनौती काफी गंभीर है। अक्सर जो बाहर शौचालय मिलते हैं वो इतने गंदे होते हैं कि वहां घुसते ही जी मचलने लगता है। महिलाओं के लिए तो वहां जाना बीमारी को बुलाने जैसा होता है। यही वजह है कि साफ शौचालयों के अभाव में लोग अक्सर खुले में ही शौच करतें हैं और बाद में इन जगहों से संक्रामक बीमारियां फैलती हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने इंटरनेट दिग्गज गूगल से साझेदारी की है। इस साझेदारी के चलते लोग अपने फोन पर, तकनीक गूगल मैप्स के जरिये, अपने आस पास मौजूद साफ टॉयलेट का पता कर सकेंगे। गूगल मैप्स में “स्वच्छ” व “सुलभ” लिखते ही मैप आस पास मौजूद शौचालयों का पता दिखाएगा।
इस ऐप में आम लोगों से पुछा भी जाता है कि जिस सार्वजनिक शौचालय का उन्होंने उपयोग किया और उसे वे किस श्रेणी में डालना चाहेंगे, ताकि ये स्पष्ट हो जाए तमाम लोगों के लिए।
साथ ही जिस शौचालय की रेटिंग खराब होगी उस शौचालय को संचालित करने वाली एजेंसी को इस बात की जानकारी दी जाएगी ताकि उसको ठीक किया जाए। टॉयलेट इंडियन है या वेस्टर्न, वहाँ विकलांगों के लिए सुविधा है या नहीं, वह मुफ्त है या सुविधाओं के लिए पैसे देने होंगे, इस सब की जानकारी भी ऐप से ही मिल जाएगी।
सरकार ने इस ऐप के लिए फिलहाल चार हज़ार इतालिस नगर निकायों और शहरों से सार्वजनिक शौचालय की सूची माँगी है।