देश में सर्वे करने वाली संस्था एन.एस.एस.ओ. (राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन) की सत्तरवीं रिपोर्ट में ग्रामीण समुदायों के लिए मवेशी का महत्त्व उभर कर आया है।
देश के अलग-अलग राज्यों में साढ़े चार हज़ार से ज़्यादा गांवों में सर्वे किया गया। रिपोर्ट में सामने आया है कि इन गांवों में भूमिहीन परिवारों में लोग मुख्य रूप से मवेशी पर निर्भर हैं – गाय, भैंस, बकरी के पालन से ही उनकी ज़्यादातर कमाई होती है। खासकर ऐसे परिवार जिनके पास ज़मीन नहीं है या दो बीघा से कम ज़मीन है, उन परिवारों में लोग पूरी तरह से मवेशी पर निर्भर हैं। इसके अलावा आमदनी का ज़रिया मज़दूरी ही है।
इससे यह स्पष्ट है कि मवेशी ग्रामीण इलाकों में ज़रूरी और अहम हैं। इनकी देखरेख के लिए और भूमिहीन लोगों के लिए अब तक कोई ठोस सरकारी योजना नहीं है। कई जिलों में पशु चिकित्सालयों में डाक्टरों की नियुक्ति में सरकार और प्रशासन की ढिलाई भी नज़र आती है। कई ग्रामीण इसी चक्कर में समय से अपने मवेशी का इलाज भी नहीं करा पाते हैं।
गांव से – मवेशी हैं आमदनी का अहम ज़रिया
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