इस गर्मी के मौसम में ज़रूरी है कि आप अपने तन और मन को रखें ठंडा। खबर लहरिया ने गाँव-गाँव में मिलने वाले फल और फूलों को ध्यान में रखते हुए सोचा कि हम अपने पाठकों को कुछ ताज़ा ठंडी चीज़ों के बारे में बतायें।
शहतूत – शहतूत के पेड़ की पत्तियाँ रेषम बनाने वाले कीड़े खाते हैं और उसके रंगीन फल से बनता है स्वादिष्ट रस। विटामिन ए, कैल्षियम और अन्य पदार्थों को इस फल और जूस में पाया जाता है। जिगर और फेफड़ों की बिमारियों के इलाज में भी शहतूत का इस्तेमाल किया जाता है। शहतूत का जूस खून को भी साफ रखता है और गर्मियों में शरीर को ठंडा करता है।
महुआ – उत्तर प्रदेष, बिहार और मध्य प्रदेष में पाए जाने वाले महुआ के फूलों से सिर्फ नषीली महुआ ही नहीं बल्कि और भी पकवान बनाए जा सकते हैं। महुआ के मीठे पूए चटनी के साथ खाते हैं और अरहर की दाल में पकाकर बारिष के मौसम में इसे बहुत पसंद किया जाता है। इसके फूलों में एक अलग ही मिठास होती है। इसमें आयरन (जिससे खून बढ़ता है) और कैल्षियम (जिससे हड्डियाँ मज़बूत होती हैं) बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं।
सत्तू – आज की तारीख में सत्तू (भुने हुए चने का आटा) सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में जगह जगह मषहूर है। गर्मी के मौसम में कोने कोने पर सत्तू के शरबत के ठेले दिखाई देते हैं। सत्तू ठंडा करने के लिये ही नहीं बल्कि ऐसे भी सेहत के लिये बहुत अच्छा होता है। सत्तू के पराठे, सत्तू के लड्डू, सत्तू का शरबत – लोग बड़े शौक से सभी तरह से सत्तू खाते हैं। डाक्टरों के अनुसार जिन्हें शुगर की बीमारी होती है और मीठे का परहेज़ करना पड़ता है, उनके लिए सत्तू बहुत ही फायदेमंद है।