जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव कनेरा को मजरा सुदामापुरी। एते लगभग बीस साल पेहले लगभग दो सौ मीटर रास्ता में पूर्व प्रधान ने ईटा को खड़ण्जा डरवाओ हतो। जोन दस साल से उखड़ो परो हे। जीखे बनवाये खे लाने प्रधान कोनऊ ध्यान नई देत आय।
बल्ली ओर गोविन्द ने बताओ कि जा रास्ता गांव से खेत ओर चरखारी जाये की मेन रास्ता आय। जभे से खड़ण्जा उखड़ गओ तभे से निकरें में बोहत परेशानी हे।
भोलाराम बताउत हे कि सूखे मौसम में तो धूल भर उड़त हे, पे बरसात के महीना में पूरे खेतन खा पानी एतई आके भर जात हे। काय से एते खाली हे। जीखे कारन टिघनन से पानी हैल खे निकरे खा परत हे, ओर छोट-छोट लड़का-बिटियन खा ओली में लेके निकारने परत हे। पिछले साल प्रधान से कहो हतो। तभई लगभग पचास मीटर रास्ता में खड़ण्जा डरवा दओ हतो। जोन रास्ता बचो ऊखे लाने कहत हते कि अब बजट नइयां जभे बजट आहे तभई रास्ता बनहे। साल बीते खे बाद भी ई रास्ता खा कोनऊ ध्यान नइयां।
प्रधान गीता के आदमी तेजसिंह बताउत हें कि मोये तेरहवें वित्त में जित्तो रुपइया हतो। ऊसे मेंने रास्ता बनवाओ हे। अब मनरेगा के अलावा मोये खाते में रुपइया नइयां। जब ऊपर से ही रुपइया नई आउत तो में किते के रुपइया से रास्ता बनवाहों।
गर्मी में उड़त धूल, बरसात में भरत पानी
पिछला लेख