जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव खरौंध। हिंया के बेसनिया हैण्डपम्प मकैनिक हवै। वा हैण्डपम्प बनावैं का काम करत हवै। या काम कइके अपने परिवार का खर्चा चलावत हवै।
गांव के बेसनिया कहिस कि एक बरस मा पन्द्रह हैण्डपम्प बनाये हौं, पै प्रधान रामकुमार हैण्डपम्प का सात हजार पांच सौ रूपिया अबै तक नहीं दिहिस। या कारन प्रधान रामकुमार से छह महीना पहिले कहे रहौं। यहिके बाद 3 सितम्बर 2014 का कहे हौं। वा भरोसा दइ के टाल दिहिस हवै।
गांव के बेसनिया का कहब हवै कि प्रधान रामकुमार एक हैण्डपम्प बनवावैं का पांच सौ रूपिया देत हवै। एक बरस मा पन्द्रह हैण्डपम्प बनवा लिहिस, पै प्रधान रूपिया दें का नाम तक नहीं लेत हवै। यहै से एक एक रूपिया खातिर परेशान रहत हौं। काहे से कि कमाई का अउर कउनौ दूसर जरिया भी नहंी आय। हैण्डपम्प बनवाई का रूपिया मिल जाये तौ समस्या खतम होइ सकत हवै।
प्रधान रामकुमार का कहब हवै कि बेसनिया का रूपिया दें खातिर ब्लाक मा बी.डी.ओ. राधेश्याम वर्मा का 4 सितम्बर 2014 का लिखित दरखास दीने हौं। ब्लाक से रूपिया आई तौ दीन जई।
मानिकपुर बी.डी.ओ. राधेश्याम वर्मा का कहब हवै कि लिखित मिल गे हवै। जांच कइके बेसनिया का रूपिया दीन जई।
खुदै चलावत खर्चा
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