जिला चित्रकूट। बुन्देलखण्ड में महिलायें हर काम में आगे दिखती है तौ परिवार का पेट पालने के लिए कुछ न कुछ काम करती रहती है।
इसी तरह चित्रकूट जिले के पहाड़ी ब्लाक के गांव नोनार की धनपतिया नाम की महिला है। जो कांसा, मूंज और पन्नी के धागों से सिकौला, गगरी, टेपार और डोलची बनाती है। यह काम वह पिछले दस वर्षो से कर रही है। धनपतिया बताती हैं ‘मुझे ये काम सिखने का बहुत शौक था। लोगों की बनाते देख देख कर हीे यह काम सीखा है।’ आज लोग शादीयों में इनके बनाए सामान लेने के लिए धनपतिया का नाम लेकर ढूढ़ते ढूढ़ते उसके घर पहुचते है। धनजति टेपार को किराये पर भी देती हैं। टेपार का एक रात का किराया दस रूपए है।
किराये पर भी मिलता टेपार
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