उत्तर प्रदेश सरकार गरीबन खा सुविधा तो केऊ प्रकार की लागू कर देत हे, पे न तो सरकार पूरो कर पाउत हे, ओर अगर पूरो करत भी हे तो ऊखो लाभ बीच के कर्मचारी उठाउत हें। आम जनता ऊ सुविधा को आसरा लगायें रहत हें। हम बात करत हें ई साल की बारिस से जोन आदमियन के मकान गिरें हें। जीखो परिवार घर से बेघर हो गयें हें।
महोबा जिला में ई साल की बारिस में हजारन परिवार घर से बेघर हो गये हते, जोन मुआवजा को इन्तजार करत हें। सोंचे वाली बात तो जा हे कि पचास प्रतिशत कच्चा घर गिरें पें सरकार उन्नीस सौ रूपइया देत हे। जभे कि उन्नीस सौ रूपइया में एक कमरा बनायें खा माटी न आहे, तो घर किते से बनहे। दूसर बात जा हे कि आठ महीना होंय के बाद भी आदमियन खा मुआवजा नई मिलो हे। जैतपुर ब्लाक के सुगिरा के लेखपाल के बतायें के आधार से गांव में दो सौ उन्तालिस घर गिर हते। जींमे एक सौ सत्ताइस आदमियन खा मुआवजा आओ हे।
आखिर पूरे आदमियन खा मुआवजा देय की जिम्मेंदारी किखी आय। सवाल जा उठत हे कि आखिर का कारन हे कि बाकी आदमियन को मुआवजा नई आओ हे। का सरकार के एते इत्तई आदमियन के घर गिरें की रिर्पोट पोंहची हे। या फिर सरकारी कर्मचारियन को अपने वेतन से पेट नई भरत हे। अगर मुआवजा आओ हे तो किते गओ हे। जा बात की जबाब सरकार खा कर्मचारियन से लेय खा चाहीं। तभई गांव की आम जनता खा सरकारी सुविधा को लाभ मिल सकत हे।