खबर लहरिया बुंदेलखंड का टंकी बनाये भर से मिल जात पानी

का टंकी बनाये भर से मिल जात पानी

सरकार आदमियन के सुविधा देय के लाने करोड़न रूपइया खर्च करतहे, पे का सरकारी सुविधा खा लाभ आदमियन तक पोंहच पाउत हे? काय से सरकारी कर्मचारी आपन जिम्मदारी नई समझत आय। सब कर्मचारी आपन जिम्मेदारी एक दूसरे के आसरे में छोड़ देत हें। परेशानी उठाउत हे बेचारी जनता जभे ऊ सुविधान खो लाभ ऊन तक नई पोंहच पाउत आय हम बात करत हे महोबा जिले में पानी की समस्या खा लेके।
कबरई ब्लाक के अटघार गांव में पानी की सुविधा के लाने जल संग्रह परियोजना के तहत दो ट्यूबबेल, टंकी बनाई गई हे पे ई सब सुविधा गांव की सुन्दरता बन के रह गई हे। काय से ट्यूवबेल से पानी चलाये वालो सामान चोरी हो गओ हे। जीसे टंकी में पानी नई आउत आय। बचे कुचे हैण्डपम्प हें ऊमें आधे खराब परे हें। अब सवाल जा उठत हे कि एक गांव में पानी की इत्ती सुविधा होय के बाद भी आदमी पिये के पानी खा एते ओते काय भटकत हें? जोन गांव में ट्यूबबेल ओर टंकी बनी होय खे बाद भी पानी को जा समस्या हे तो बाकी गांवन को का हाल होहे। काय से महोबा पूरो पहाड़ी इलाका हे।
जैतपुर ब्लाक के अजनर गांव चरखारी ब्लाक को बसौठ ओर गौरहरी गांव में पत्थर होय के कारन हैण्डपम्प पानी नई देत आय। जोन पानी देत हे ऊखें पानी खारा होय के कारन ऊ गांव के आदमी कोसन दूर से पिये खा पानी ला के अपनी प्यास बुझाउत हें। ग्राम प्रधान अगर टंकी धरा प्रस्ताव बना के भेजत हें तो बजट नइयां कह के जल निगम के अधिकारी आपन पल्ला झाड़ देत हे ,पे जिते टंकी ट्यूवबेल से बनी हे ओते के आदमियन खा पानी की कित्ती सुविधा मिलत हे ।
जा देखे की जिम्मेदारी कीखी आय? का ट्यूवबेल ओर टंकी बनवा के प्रधानन खा हैण्डोवर कर देय भर से जिम्मेंदारी खतम हो जात हे? का सरकार की जिम्मेदारी काम कराये भर की आय?