चरखारी विधान सभा के उप चुनाव के ऊमें सासन के आचार संहिता ओर धारा 144 लागू कर दई हे। निर्देश दये हे कि चुनाव में न कोनऊ पोस्टर चिपकाहे ओर न बैनर लगा के प्रचार प्रसार करहे। अगर करहे तो ऊखे ऊपर कानूनी कारवही करी जेहे। जीसे जीसे चुनाव शान्ति के साथ हो सके। पे देखो जाये तो नियम को उल्टो होत हे। ईखो खुले आम उल्लघन करो जात। आंखन देखी बात तो जा हे कि वोट मांगे खे ओर प्रचार प्रसार खे लाने जघा -जघा पोस्टर चिपके हे ओर इक्ट्ठा पांच पांच गाड़ी बैनर लगा के गांव जात हे। ईमें कोनऊ को ध्यान नई जात हे। अगर विभाग में बात करें विकास खा लेके बात करें तो अधिकारी सीधे आचार संहिता लागू की बात करत हे। सबसे अच्छी बात तो हे की एई बहाने से अधिकारी आपन जवाब देय से बच जात हे। नई जभे नियम हंे तो देखे खा चाही की नियम को कित्तो पालन करो जात हे। जभे नियम लागू भओ हे तो काम काज बस बन्द करे खा नई। कामकाज न करें खा आचार संहिता लागू करत हे जा फिर शान्ति व्यवस्था के लाने। कोनऊ नियम खा बनाये के पेहले एक दइयां सोच लेय खा चाही की आदमी नियम को कित्तो पालन करहे। सवाल जा उठत हे कि आखिर अचार संहिता के कारन भओ काम को नुक्सान कोन भरहे। कर्मचरियन खा जित्तो समय मिले ओत्तई कम परत हे। सबसे ज्यादा मार तो आम जनता पे परहे एक काम खा चार दइयां अधिकारी के चक्कर काटहें। गांव के आदमियन खा का पता की काम काय नई करो जात हे ओर कब तक जो नियम लगू रहे। कोनऊ बताउत भी नइयां।
कामकाज खा आचार संहिता लागू
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