जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, कस्बा मऊ, मजरा मैदाना। हिंया के गायत्री शांती अउर गीता देवी के राशन कार्ड नहीं बने आहीं। उनकर कहब हवै कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार राशन कार्ड आनलाइन भरवा तौ लिहिस हवै, पै आज तक हमार राशन कार्ड नहीं बने आहीं। या कारन हमका गल्ला नहीं मिलत आय।
शांती बताइस कि वहिके आगे पीछे कउनौ नहीं आय, न जमीन आय। दुसरे के हिंया रहिके गुजारा करत हौं। मोरे राशन कार्ड जउन बना रहै। वा अमीरी रेखा के रहै। जबैकि मैं बहुतै गरीब हौं। तीन महीना पहिले फेर से सरकार राशन कार्ड नये बनावंै का कहिस तौ मैं फोटो दइके बनवाये हौं, पै आज तक मोर राशन कार्ड नहीं बना आय। मोर उमर कुछ काम करै लायक नहीं आय। गल्ला मिल जात रहै तौ पेट चलत रहै। पता नहीं किइ सरकार हम गरीबन के कत्तौ सुनवाई करी कि न करी।
गीता देवी कहिस कि वा भी खाद्य सुरक्षा के तहत नवा राशन कार्ड आनलाइन भरवाइस हवै, पै आज तक राशन कार्ड नहीं मिला हवै। या कारन गल्ला नहीं मिलत आय। सरकार चाहे जउन योजना लागू करै। वा हम तक पहुंचे मा बहुतै देर होत हवै। जउन गरीब नहीं आय उनका वा सुविधा पहिले मिल जात हवै। हम जइसे औरतन का भटके का पड़त हवै। ब्लाक जइत हन पता करै तौ अधिकारी कहत हवैं हमका कुछौ नहीं पता। जबै अधिकारिन का नहीं पता तौ हम केहिसे पता करी?
यहै हाल गायत्री देवी के हवै। व बताइस कि मनसवा का मरे पांच साल होइगा हवै। सरकार कइती से गल्ला मिलत रहै तौ बच्चन का पेट भरत रहौं, पै जबै से या आनलाइन सरकार चला दिहिस तौ हमका गल्ला भी नहीं मिलत आय। जबैकि सबै कागज जमा हवै। कोटेदार से पूंछित हन तौ व कहत हवै वहिका कुछौ नहीं पता हवै। आनलाइन भरवावा गा हवै तौ वहै लोग बतइहैं। गल्ला न मिलै से खाना खर्चा चलावै मा बहुतै परेशानी होत हवै। कोटेदार हरिश्चन्द्र कहिस हवै कि जबै राशन कार्ड बन जई तौ राशन भी मिले लागी।
जिला पूर्ति विभाग के बाबू अवधेश सिंह कहिन कि मार्च 2016 तक आनलाइन राशन कार्ड के नम्बर कम्प्यूटर मा चढ़ाये जइहैं। जेहिकर राशन कार्ड नहीं बने आहीं। उनके दुबारा से बनाये जइहैं।