बुन्देलखण्ड में पानी की समस्या तो आम आदमियन खे लाने मुसीबत बन गई हे। एते हर मौसम में पानी खे किल्लत रहत हे। चाहे ऊ गर्मी को मौसम होय या ठन्डी को पानी की समस्या से मुक्ति नइयां।
ऊसई तो महोबा जिला बुन्देलखण्ड में तालाबन खे लाने बोहतई प्रसिद्ध हे, पे जभे पिये वाले पानी की बात सामने आउत हे तो सबसे जीरो नजर आउत हे। पहाड़ी इलाका ओर जिम्मेदार विभाग के आदमियन की लापरवाही खे कारन ई समय भी केऊ गांव के आदमी बंूद-बंूद पिये के पानी खा तरसत हें। ईखा ताजा उदहरण कबरई कस्बा के विवेक नगर मोहल्ला को खराब ट्यूवबेल ओर चरखारी ब्लाक के बमरारा गांव को खराब हैण्डपम्प हें। ई दोनऊ पानी के साधन एक महीना से खराब हें, ओर विभाग के कर्मचारियन खा पता तक नइयां। जभे कि आदमी लिखित ओर मौखिक सूचना विभाग खा दे चुके हें, पे जिम्मेदार आदमी सीधे दो ही जवाब देके आपन पल्ला झाड़ देत हें। जीमे एक जवाब होत हे हमे जानकारी नइयां, दूसर अभे बजट नई आओ हे। अब सवाल उठत हे उत्तर प्रदेश सरकार की पेयजल व्यवस्था के ऊपर कि जभे हर ग्राम पंचायत ओर नगर पंचायत में पानी की उचित व्यवस्था खे लाने अलग से बजट भेजो जात हे। तो ऊ बजट पानी की व्यवस्था में काय नई खर्च करो जात हे? काय से कबरई को ट्यूवबेल ओर बमरारा को खराब हैण्डपम्प देखे से तो साफ पता चलत हे कि एते पेय जल व्यवस्था कित्ती सुचारू ढंग से चलत हे? तो सोंचे वाली बात हे कि आखिर ऊ बजट जात किते हे?
कभे दूर होहे पानी की समस्या?
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