दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक कइती जहां बिजली बिल कम करें के कारवाही मा लाग है। होंआ उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के अतर्रा क्षेत्र मा अंधा धंुध तरीका से बिजली का बिल आवैं से लोग गुस्सा मा हैं।
अब मड़ई केजरीवाल जइसे ही बिजली बिल कम करैं के मांग करत हैं। चुनाव का माहौल तौ चलत ही है। इनतान के समस्या हेंया आम आदमी कुछ लोगन के साथै मिल के बिजली के मामला का जोर शोर से उठाइस है। जहां मड़ई एक महीना मा 350-400 रूपिया हर महीना देत रहै होंआ बीस से पच्चीस हजार रूपिया का बिज भेज के विभाग मड़इन का जियब मुश्किल कई दिहिस है। एक तौ यतना ज्यादा बिल बढ़ के आवा है दूसर विभाग के अधिकारी या कहिके मड़इन का अउर समस्या मा डाल दिहिन हैं कि अब यहिनतान हर महीना बिल भेजा जई।
या बात कहिके अधिकारी समस्या का समाधान न कइके उनके समस्या मा आगी मा घी डालैं जइसे काम करिन हैं। यतना ज्यादा बिल एक बल्ब के बिजली खर्च करैं वाले का बिल यतना ज्यादा बढ़ के कसत आ सकत है? अगर बिल हर महीना भरा जात है तौ एक महीना मा यतना ज्यादा बिल कसत होई सकत है?
कउन हिसाब से विभाग भेजिस बिल
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