कलाकार – कुणाल खेमू, पायल सरकार, सुमित व्यास, निर्देशक – शान्तनु रे छिब्बर
यह कहानी एक ऐसे लड़के की है जो बहुत ही रंगीन मिज़ाज का है। जो हमशा किसी ना किसी औरत को परेशान करता रहता है। चलिए जानते हैं कि उस लड़के का क्या होता है।
फिल्म शुरू होती है गुड्डू यानी कुणाल खेमू से। गुड्डू बिहार का रहनेवाला है जो बहुत ही आशिक मिज़ाजी है। वह अपने दोस्त लड्डू यानी सुमित व्यास के साथ पमरा गंाव घूमता रहता है और शादीशुदा महिलाओं को परेशान करता रहता है। गुड्डू की जि़न्दगी में सब कुछ अच्छा खासा बीत रहा था। एक दिन गुड्डू एक महिला को परेशान करता है तो महिला के दादाजी गुड्डू को श्राप दे देते हैं और श्राप भी ऐसा कि गुड्डू का मुख्य अंग सोने का हो जाता है। अब तो गुड्डू और मशहूर हो जाता है। लेकिन गुड्डू इस श्राप से अपने आप को कैसे बचाएगा? क्या उसका अंग ठीक हो जाएगा? इन सबके लिए तो आपको गुड्डू की गन देखनी पडे़गी ना…… अरे! ये फिल्म का नाम है…. आप लोग भी ना कुछ भी सोच लेते है।
आइए अब बात करें फिल्म की कहानी और कलाकारों की। इस फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको कुर्सी पर बैठाए रखे। कहानी बीच में ही डूबने लगी है। और जहां तक है कलाकारों की बात तो कुणाल ने बेहतरीन काम किया है। बाकि कलाकारों ने भी कुणाल का अच्छा साथ दिया है। जहां तक है फिल्म को देखने की बात तो अगर आपके पास ज़्यादा पैसा है, ज़्यादा टाइम है तो आप हाॅल में अपना पैसा और टाइम बरबाद कर सकते हैं।