खबर लहरिया सबकी बातें ऐई से होतई गुजारा?

ऐई से होतई गुजारा?

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शिवहर सदर अस्पताल

सरकार ममता पद के बहाली 2008 में ही कलथिन। लेकिन उनकर मानदेय अभी तक लागू न कलथिन।  इ कर्मी मानदेय के आश में अभी भी समय से काम कर रहल छथिन।
सरकार ममता कर्मी के काम कतेक दे देले छथिन लेकिन रूपईया पर तनको ध्यान न देई छथिन। जबकि ममता अपना घर से भाड़ा खर्चा लगाके समय से काम करई छथिन। ताकि कहियो रोजी रोटी सरकार से मिल जायेत लेकिन अभी सात साल बित रहल हई। लेकिन ऐई पर कोई चर्चा न हई। ईहां तक कि आठ बजे सुबह से तीन बजे शाम तक, तीन से आठ बजे रात तक अपन काम के दायित्व समझई छथिन। ऐतना समय में  विभाग के तरफ से एक कप चाय भी न मिलई छई।
जईसे कि शिवहर के ममता कर्मी हर दिन समय देई छथिन। लेकिन मानदेय त दूर के बात हई रोजो न मिलई छई। जेईसे कि एगो प्रसव भेलक त एक सौ रूपईया में नौ लोग बाटई छथिन। जेई दिन प्रसव न होई छई त उहो न मिलई छई। जब ममता मानदेय न देवे के हई त सरकार इ पद कयला देले छथिन। कोई भी आदमी काम करई छई त कुछ आश लगाके। कम से कम सरकार के ममता के लेल कुछ रूपईया मानदेय चाहे रोज के अनुसार मिले के चाही। ऐई महंगाई में घर से भी खर्च लगाके जाई अबई छी उहो न मिलई छई। त कईसे लोग विकास करथिन?