जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव मसुरी। हेंया 2005- 2006 से पूर्व माध्यमिक विद्यालय अधूरा परा है। काहे से वा विद्यालय मा गांव के शैलेन्द्र कुमार मिश्रा स्टे लाग दिहिस है। यहै कारन दुई कमरा अउर एक बरामदा का बना प्राथमिक विद्यालय मा लगभग चार सौ बच्चा बइठ के पढ़त है। यहै स्कूल मा आंगनवाड़ी केन्द्र भी चलत है।
स्कूल के सुमन अखिलेश समेत दसन बच्चा बतावत हैं कि उनका बइठैं खातिर जघा नहीं होत आय। बरामदा मा कक्षा छह, सात, आठ के बच्चा बइठत है। एक कमरा मा कक्षा एक, दुई अउर दूसर कमरा मा कक्षा तीन चार, पांच के बच्चा बइठत हैं। जउने दिन कम बच्चा आवत हैं वा दिन तौ ठीकै है, पै जउने दिन बच्चा ज्यादा आगे वा दिन स्कूल के बाहर पेड़न तरे बइठत हैं। जेहिसे पढ़ाई बहुतै कमजोर है। एक से आठ तक के कउनौ भी बच्चन का सौ तक गिनती नहीं आवै।
गांव के होरी लाल, प्रेमनारायण अउर जयप्रकाश बतावत हैं कि अगर पूर्व माघ्यामिक विद्यालय बन गा होत तौ नीक होई जात। पढ़ाई भी नींक से होय लागत।
शिक्षामित्र राजू बतावत है कि प्राथमिक विद्यालय मा तीन सौ छप्पन ब्च्चा पूर्व माध्यमिक मा अडतालिस अउर आंगनवाड़ी केन्द्र मा लगभग चालिस बच्चा हैं। एक साथै बइठत है। पूर्व प्रधान के चाचा का लड़का रधुवशं मनी मिश्रा कहत है वा आवादी के जमीन आय 2005-2006 मा जब स्कूल बनो रहै। तबहिनै हम स्टे लइ आवा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चैधरी कहत हैं, वा खालिहान के जमीन आय। प्रधान गलत जघा बताइस है या मारे अधबने स्कूल मा स्टे लाग है। अब वा जमीन का बदला जई।
एक इमारत दुई विद्यालय, एक आगंनवाड़ी केन्द्र
पिछला लेख