उत्तरी बिहार में मानसून का मौसम त्योहार का मौसम होता है। जबर्दस्त बारिश के बाद, यहां की महिलाएं अपनी नावों में बैठ़कर गाने गाते हुए बाढ़ का मजा लेती थी।
यहां के निवासियों का नदियों के साथ एक अच्छा तालमेल वाला व्यवहार है, बावजूद इसके कि कभी जल का बढ़ता स्तर उन्हें परेशान भी कर देता है।
ये लोग बाढ़ आने पर हर उसके हर प्रकार की जानकारी रखते हैं, जैसे जल की गहराई, उसकी समयावधि और तीव्रता। इन जानकारियों के अनुसार ये उचित सावधानियां भी बरते हैं। पर आज यहां की स्थिति बदल चुकी हैं। उत्तरी बिहार के ये लोग बाढ़ के भक्त से आज बाढ़ पीड़ित बन गए हैं।
ये स्टोरी पारी पर पहले पब्लिश हुई थी और उनकी अनुमति से रिपोस्ट हो रही है।
साभार: पारी, 8 नवम्बर 2016