सुबेरे के ठंडी मा गरमा-गरम कचौड़ी खाय का मिल जायें तो बहुतै नींक लागत हवै। चित्रकूट जिला के बसअड्डा मा मड़ई रोज गरमा-गरम स्वादिष्ट कचौड़ी का स्वाद लेत हवैं। इलाहाबाद का रहै वाला राजू इलाहाबादी हिंया कचौड़ी का ठेला लगावत हवै।वहिके दूकान कामद कचौड़ी भण्डार बहुतै मशहूर हवै अउर हिंया ग्राहकन के भीड़ लागत हवै।
राजू का कहब हवै कि चित्रकूट मा मैं घूमें आयें रहेहौं। तबै कुछ नवा अउर नींक बनावें खातिर कचौड़ी के दुकान खोल लीनें हौं। पहिले मैं कंटीन का काम करत रहेहौं। सुबेरे सात बजें से ठेला लाग जात हवै अउर दिनभर मा चार से छह हजार के बिक्री होत हवै।
दुकान मा काम करै वाला जानकी शरण का कहब हवै कि मटर पनीर, छोला, राजमा अउर मखाना जइसे अलग-अलग सब्जी बनाइत हवै जेहिसे ग्राहक एकतान के सब्जी खाके ऊब न जायें।
रोहित गुप्ता बताइस कि हिंया के कचौड़ी बहुतै मशहूर हवै। यहै कारन ग्राहकन के भीड़ लागत हवैं।मैं आपन दोस्त खातिर कचौड़ी खरीद के लइ जात हौं। आशीष जायसवाल का कहब हवै कि दुइ महीना से मैं हिंया रोज कचौड़ी का नाश्ता करे आवत हौं। राजा बताइस कि मैं हर इतवार कचौड़ी खाय आवत हौं अउर कचौड़ी बनें का इंतजार करत हौं कि केत्ती जल्दी कचौड़ी बन जायें।
रिपोर्टर-नाजनी रिजवी
Published on Dec 22, 2017