शांति लाने के प्रयास में इज़राइल देश ने 30 अक्टूबर को फिलिस्तीन देश के छब्बीस कैदियों को रिहा किया। इस फैसले से इज़राइल में बहुत लोग नाखुश हैं क्योंकि इन कैदियों पर इज़राइलियों पर हिंसा का आरोप था।
फिलिस्तीन इनकी रिहाई की मांग सालों से कर रहा था। अमेरिकी विदेश मंत्री जौन केरी ने इस प्रक्रिया का संचालन किया। अमेरिका इस इलाके में सालों से चल रहे युद्ध को रोकने की कोशिश में है। अमरीका के इज़़राइल से करीबी सम्बंध हैं इसलिए इस शांति प्रक्रिया में उनका भी जुड़ाव रहा। दोनों देशों के बीच कई सालों से तनाव रहा है। माना जा रहा है कि शांती का माहौल बनाने के सफर में ये एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
इज़राइल यहूदियों का देश है और इसे अरब देश फिलिस्तीन से। जेरूसलम अरब देश फिलिस्तीन में था। दूसरे विश्व युद्ध में यहूदियों पर अत्याचार हुआ। साल 1945 में युद्ध खत्म होने पर भागे हुए यहूदी जेरूसलम पहुंचे। यहीं से ज़मीन के लिए एक लंबी लड़ाई शुरू हुई। यहूदी चाहते थे कि जेरूसलम पर सिर्फ उनका हक हो। अपनी ज़मीन छिनते देख फिलिस्तीनी जनता बाहर से आए यहूदियों का विरोध करने लगी। 1948 में कुछ हिस्सा फिलिस्तीन के लोगों से छीनकर इज़राइल देश बनाया गया। तब से आज तक इन दोनों देश में ज़मीन के लिए युद्ध चल रहा है।