जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, अहिरी का डेरा नदी के पार। हिंया बीस मड़ई के रहै खातिर घर नहीं आय। इं लोग तीन पीढ़ी से हिंया रहत हवै। इं दलित जाति के आहीं। कइयौ दरकी प्रशासन का दरखास दिहिन हवैं पै कउनौ सुनवाई नहीं भे आय।
हिंया के मुन्ना लाल, हीरालाल, मनीलाल अउर शंकर बताइस-“हम पचे तीस बरस से ंिहया झोपड़ी बना के रहित हन। हमरे बीस लोगन के बस्ती मा एकौ हैण्डपम्प भी नहीं लाग आय। पानी खातिर कब्रिस्तान के पास लाग हैण्डपम्प से पानी भरै जइत हन। जबै हुंवा मड़ई रहत हवै तौ उंई मना कइ देत हवंै। पानी खातिर हमें पियासे रहै का परत हवै। जबै उंई सब चले जात हवैं तौ हमका पानी मिलत हवै। रहै खातिर घर भी नहीं आय। कउनौतान माटी धई-धई के झोपड़ी बना के रहित हन पै तबहू कुछ कारवाही नहीं होत आय।
ए.डी.ओ. पंचायत बिन्दा प्रसाद का कहब हवै कि डेरा से कउनौ दरखास नहीं आई आय। अगर दरखास अई तौ हैण्डपम्प अउर कालोनी के बारे मा सोचा जई।
आज तक नहीं मिली आय सरकारी सुविधा
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