भाजपा की सरकार बनने के बाद देश में चैथी घटना है धर्म परिवर्तन की, जिसमें मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोगों कोे हिंदूवादी संगठनों द्वारा घर वापसी कार्यक्रम के तहत हिंदू बनाया जा रहा है।
कोट्टायम, केरल। केरल के कोट्टायम जिले में अट्ठावन लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया। इनमें ज़्यादातर ईसाई समुदाय के हैं। हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन धर्म परिवर्तन कराया। दिसंबर महीने में केरल में धर्मपरिवर्तन की यह तीसरी घटना है। 24 दिसंबर को अलप्पुझा जिले के कायामकुलम में और 21 दिसंबर को भी ईसाई समुदाय के लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया था। राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा जब तक लोग जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायत नहीं दर्ज कराते तब तक सरकार कुछ नहीं कर सकती। इससे पहले आगरा में भी साठ मुस्लिम परिवारों के धर्मांतरण का मामला सामने आया था।
बिहार में भी हिंदू बने ईसाई
बिहार के गया जिले के अतिया गांव के महादलित टोले में चार सौ महादलित परिवारों ने 26 दिसंबर को ईसाई धर्म अपना लिया है। धर्म परिवर्तन कराने वाले पादरी ने कहा कि हिंदू धर्म में महादलितों को इज्ज़त की नज़र से नहीं देखा जाता है। लेकिन ईसाइयों में सभी बराबर हैं।
जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून
केंद्र में मौजूद भारतीय जनता पार्टी जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने का प्रस्ताव रख चुकी है। लेकिन इसमें विपक्षी दलों की मुहर नहीं लग पा रही है। कानून के बनने के बाद किसी को भी अपना धर्म परिवर्तन करने से एक महीने पहले सरकार को नोटिस सौंपना होगा। ऐेसे में किसी संगठन द्वारा दबाव बानाने की स्थिति में उसका विरोध करने और जांच करने का पूरा समय होगा। उधर विपक्षी दलों का मानना है कि यह कानून बनने के बाद सत्ता में मौजूद दल इसका फायदा उठा सकता है। सरकारी फायदे का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को तैयार किया जा सकता है।