खबर लहरिया राजनीति अमेरिका के अश्वेत राष्ट्रपति भी अश्वेतों की रक्षा करने में नाकाम

अमेरिका के अश्वेत राष्ट्रपति भी अश्वेतों की रक्षा करने में नाकाम

साभार: अलजज़ीरा

साभार: अलजज़ीरा

13 साल का टायर किंग अमेरिकी पुलिस के हाथों 14 सितम्बर को गलती से एक अपराधी जानकर मार दिया गया क्योंकि उसके हाथ में एक एयर गन थी जिसके कारण पुलिसवालों ने उसे लुटेरा समझा। माना जा रहा है कि हत्या का एक और कारण है – टायर का अश्वेत होना।

अमेरिका के ओहायो राज्य के कोलंबस शहर में 14 सितंबर की रात को ये घटना घटी जिसमें पुलिस नौजवानों की एक टोली को ढूंढ रही थी जिसने 10 डॉलर चुराए थे। पुलिस को टायर किंग का हुलिया अपराधियों को हुलिए से मिलता हुआ लगा, टायर के एक हाथ में एक बन्दूक और दूसरे हाथ में बांधें पट्टे से लेज़र लाइट निकाल रही थी। यह देख कर पुलिसवालों ने उस पर गोली बरसा दी जिससे टायर किंग की मौत हो गई।

इस हत्या की जांच अभी चल रही है,पर इस घटना ने एक बार फिर अमेरिका जैसे देश में अश्वेतों  पर पुलिस के अविश्वास को उजागर कर दिया है। 2014 से 2015 के बीच अमेरिकी पुलिस पर विश्वास करने वालों का प्रतिशत अश्वेतों में 30 प्रतिशत और श्वेत लोगों में 57 प्रतिशत था।  

अश्वेत लोगों के साथ पिछले कुछ पुलिस एंकाउटर और हत्या सबसे ज्यादा शिकागो और सिनसिनाटी जैसे शहरों में हुईं। पुलिस के हाथों अश्वेतों की मौत के खिलाफ सोशल साइट पर एक आंदोलन भी चला। इसे पहले भी 12 साल के तामीर राइस को पुलिस ने गलती से मार दिया क्योंकि उसके हाथ में भी नकली बन्दूक थी। इन घटनाओं से पता चलता है कि अमेरिकी पुलिस को अश्वेतों की जान की कितनी परवाह है।

अगर आंकड़ों को देखें तो हम पाऐंगे कि श्वेत लोगों की तुलना में पुलिस के हाथों कितने अधिक अश्वेतों को मारा गया है-

अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई के आंकड़े बताते हैं कि 2012 में पुलिस के हाथों मरने वाले अश्वेतों  की संख्या 31 प्रतिशत थी, जबकि वे लोग अमेरिका की कुल जनसंख्या का मात्र 13 प्रतिशत ही हैं। हैरानी की बात ये है कि इस ही देश के सबसे बड़े पद यानी राष्ट्रपति भी एक अश्वेत अमेरिकी ही हैं फिर भी देश में अश्वेतों के साथ इस तरह का रंगभेद हो रहा है।