नेपाल हिमालय को मापने की तैयारी कर रहा है। दरअसल नेपाल यह जानने की कोशिश कर रहा है कि 2015 में देश में आए शक्तिशाली भूकंप से विश्व की सबसे ऊंची चोटी प्रभावित हुई है या नहीं।
नेपाल ऐसा पहली बार करने जा रहा है। एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, सरकारी सर्वेक्षण विभाग के प्रमुख गणेश प्रसाद भट्ट ने कहा ‘नेपाल ने कभी खुद एवरेस्ट की ऊंचाई नहीं मापी, इसलिए हम अपने लोगों को यह साबित करना चाहते हैं कि नेपाल एवरेस्ट की ऊंचाई मापने में सक्षम हैं।‘
माउंट एवरेस्ट की आधिकारिक ऊंचाई 8,848 मीटर है और यह हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में आता है। इसे 1954 में एक भारतीय सर्वेक्षण में पहली बार दर्ज किया गया था।
नेपाल पहले भी एवरेस्ट की ऊंचाई मापने की कोशिश कर चुका है लेकिन कामयाब नहीं हो सका था। एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर उसके और चीन के बीच मतभेद रहे हैं।
चीन हमेशा से कहता रहा है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई ‘रॉक हाइट‘ के अनुसार मापी जानी चाहिए, यानी जहां तक चट्टानें हैं वहीं तक की ऊंचाई मापी जानी चाहिए। लेकिन नेपाल हमेशा ही ये ऊंचाई जहां तक बर्फ है वहां तक मापता रहा है।
साल 2010 में दोनों देशों में एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर 8,848 पर सहमति हुई थी। मई 1999 में अमेरिका ने जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल कर एवरेस्ट की ऊंचाई 8,850 मीटर मापी थी।