जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव गढ़ीघाटी। हिंया के पार्वती तीन बरस से मजूरी कइके अपने चार बच्चन का पालत हवै। या कारन वा बहुतै खुश हवै।
पार्वती का कहब हवै कि मनसवा राममिलन का टी.बी. के बीमारी रहै। वहिका बहुतै इलाज करावा गा, पै नींक नहीं भा। यहै से वहिके चार बरस पहिले मउत होइगे। मनसवा के मरैं के बाद खाना खर्चा खातिर परेशानी होत रहै। यहै से मजूरी करब शुरू कइ दीनेंव। काहे से कि खाये का नहीं पूजत रहै। बच्चा चार-चार दिन भूखे रहत रहै।
जबै से मजूरी करैं लागेंव तौ थोइ नून रोटी चलै लाग हवै। अपने हिम्मत से आज बहुतै खुशी मिली हवै। ससुराल वाले भी पूंछै लाग हवै। नहीं तौ पहिले उनका मंूह से बोलै मा परेशानी आवत रहै। आज के जमाने मा अगर अपने लगे रूपिया हवै तौ सबै कउनौ पूंछत हवै। गिरे मड़ई का अउर मड़ई गिरावत हवै। हम जइसे मेहरियन का एक दुसरे से हिम्मत मिलत हवै। मेहरियन का एक दुसरे का हिम्मत दें का चाही। तबहिने आगे कुछ मेहरिया करिहैं।
अपने मा भरोसा राखै
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