शहर बांदा, रेलवे स्टेशन। 28, 30 मई अउर 1 जून 2013 को रेलवे स्टेशन में मालगाड़ी से उतरैं वाला गेहूं खुले आसमान तरे परा है। आंधी पानी का समय भी आ गा है। व्यवस्था न होय से या अनाज के कउनौ कदर निहाय।
जहां बुन्देलखण्ड इलाका मा लोग भूखन मरत हैं होंआ पांच हजारन मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खुले आसमान तरे परा है। हेंया तक कि या अनाज का सुअर खाये जात हैं। मालगाड़ी से अनाज उतारैं वाले मजदूर सुनील, षंकर अउर राज किषोर बतावत हैं कि या गेहूं पंजाब से आवा है। उतारैं मा अनाज के बहुतै बरबादी होत है। रेलवे पटरियन के तरे अनाज गिर जात है। अनाज के देखरेख करैं वाले मुनीम रामषरण यादव बतावत हैं कि 28 मई 2013 का पचीस हजार मीट्रिक टन, 30 मई 2013 का तेइस हजार मीट्रिक टन अउर 1 जून 2013 का चैबिस हजार मीट्रिक टन गेहूं आवा है। जउन गेहूं रेलवे पटरी के तरे गिरा है वहिका मजदूर लगवा के उठवा लीन जई अउर बोरन मा भर के एफ.सी.आई. गोदाम भेज दीन जई। होंआ से राषन कार्ड मा अनाज बांटै वाले कोटेदारन का या अनाज भेजा जई।
एफ.सी.आई. गोदाम के क्षेत्रीय प्रबन्धक रवि षास्त्री बताइन कि केन्द्रीय राज्य भण्डारण निगम, राज्य भण्डारण निगम अउर एफ.सी.आई. गोदाम मा जघा न होय के कारन या अनाज का धान मिल मा धरा जई। आंधी पानी से अनाज का बचावैं के पूरे इंतजाम कई लीन गा है। चिन्ता करैं वाली बात निहाय।