खबर लहरिया औरतें काम पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिलिए भारत की पहली महिला ट्रेन चालक से!

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिलिए भारत की पहली महिला ट्रेन चालक से!

साभार: कौरा

-2 सितम्बर, 1985 को जन्मी सुरेख यादव, भारतीय रेलवे की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर हैं। 1988 में वह भारत की पहली महिला ट्रेन चालक बनीं। अप्रैल 2000 में तत्कालीन रेलवे मंत्री ममता बनर्जी द्वारा पहली बार चार महानगरीय शहरो मेंलेडीज स्पेशल“- लोकल ट्रेन शुरू की गयीं जिनके चालक दल की सदस्या यादव भी बनीं।
जब उन्होंने भारतीय रेलवे में काम शुरू किया तो उन्होंने महसूस किया के वह भारतीय रेलवे में काम करने वाली एक अकेली महिला है। अन्य महिलायें भी उनके द्वारा प्रेरित हुईं, और 2011 में 50 महिला लोकोमोटिव ड्राइवर जो उपनगरीय ट्रेनों और माल गाड़ियों का संचालन करने लगीं तथा साथ ही शंटर्स या सहायक ड्राइवर लोगों में भी शामिल हो गयीं।
-1991 में सुरेख ने टेलीविज़न धारावाहिक (शीर्षकहम किसी से कम नहीं) में भी काम किया। उन्हें एक महिला ट्रेन ड्राईवर होने के रूप में अपनी एक अनोखी भूमिका के लिए कई संघठनो से प्रशंसा भी मिली। उन्होंने काफी बार राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनेलो पर साक्षात्कार भी दिए हैं।
उनके कैरियर में एक महत्वपूर्ण घटना 8 मार्च 2011 को, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुई थी, जब वह डेक्कन क्वीन नामक रेलगाड़ी को पुणे से सीएसटी, मुंबई तक ले जाने के लिए एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बन गई थीं।
उन्हें 1998 में जिजाऊ पुरस्कार, 2001 में महिला प्राप्ति पुरस्कार, महिला प्राप्तकर्ता पुरस्कार (2001 में केंद्रीय रेलवे द्वारा, आरदुब्लूसीसी के द्वारा सर्वश्रेस्थ महिला वर्ष का पुरस्कार (2013) और 5  अप्रैल 2013 को भारतीय रेलवे पर पहली महिला लोकोपायलट के लिए जीएम पुरस्कार दिया गया।