उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकारी हॉस्पिटल में पांच दिनों के भीतर हुई 60 से अधिक बच्चों की दर्दनाक मौत हो गयी।मुख्यमंत्री ने इस मामले में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत की खबरों से इनकार कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला 7 अगस्त को ही शुरू हो गया था। 9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें समय से पहले जन्मे बच्चों को रखा जाता हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना की जानकारी लेने गोरखपुर भेजा और सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से बच्चों की मौतों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
वहीं, योगी आदित्यनाथ ने घोषणा करते हुए कहा कि बच्चों की मौत के मामले की गहन जांच कराई जाएगी। उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के लापरवाही बरतने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार हमारी हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि इस हादसे की जांच के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। रिपोर्ट के आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जो मिसाल बनेगी।