लेखनी:यह तो हम सभी जानते हैं कि कोई भी कवि या लेखक बनाए नहीं जाते हैं। यह तो उनमें जन्मजात ही होते हैं इसकी प्रतिभा उन्हें बचपन से ही फलती फूलती है इस लेखन प्रतिभा की वजह से ही वह बड़ा कवि और लेखक बनता है हिंदी साहित्य में ऐसे कई लेखक हैं जो कीमती रत्न के समान है जिनका लोहा आज सारा विश्व स्वीकार करता है ऐसे ही एक रत्न के बारे में हमारी रिपोर्टर आपको बताएगी
महोबा जिले के बेलाताल के रहने वाले जो राधाचरण गौतम जो की एक लेखक हैं और ये 1958 से अपनी लेखनी के जरिए शब्दों को एक अलग पहचान दे रहे हैं सरकारी नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद इन्होने कविताएं और किताबें लिखना शुरू किया, अब तक इनकी कई किताबें छप चुकी हैं, इनकी लेखनी में ओ जादू है जिनके शब्दों को हर कोई पढना चाहता है, इनकी एक खासियत ये भी है की ये अपनी रचनाओं की छपी किताबों को युवाओं तक फ्री में पहुंचाना चाहते हैं.
लेखक का कहना है मुझे साहित्य लिखना पसंद है और ये खास तौर पर छात्रों के काम का साहित्य लिखता हूँ खस्तौओर पर इंटर और डिग्री कॉलेज के छात्रो के काम का
युवाओं के प्रेरणाश्रोत हैं युवा लेखक सौरभ द्विवेदी
इन्होने सबसे पहले तुलसी की प्रेरणा शक्ति रतनावली से शरुआत की ,इनका कहना है जीवन में व्यक्ति को कुछ न कुछ करना चाहिए बिना कुछ किये आदमी का जीवन निष्क्रिय है उसे कोई याद भी नहीं करता तो इसीलिए मैंने कविताये लिखना शुरू किया ,और जो ज्ञान हमारे अन्दर है उस ज्ञान को हम दूसरों को बाँट सकें इसीलिए मैंने लिखना शुरू किया
मैंने एक एंडलेस कैलेंडर भी बनाया है जिससे आप लाखों वर्ष आगे तक की तारिख महीना देख सकते हैं और मई अपनी लिखी पुस्तकों को फ्री में बाटना हूँ और ये पुस्तक मई इंटरसे ऊपर के लोगों को ही देता हूँ जो मेरी लेखनी को समझ सकें