खबर लहरिया National World Press Freedom Day: प्रेस की आज़ादी और सोशल मीडिया, वरदान या अभिशाप?

World Press Freedom Day: प्रेस की आज़ादी और सोशल मीडिया, वरदान या अभिशाप?

प्रेस फ्रीडम डे सिर्फ अभिव्यक्ति की आज़ादी का जश्न नहीं, बल्कि उन आवाज़ों की हिफ़ाज़त की भी मांग है, जो सच को सामने लाती हैं। सोशल मीडिया ने जहां पत्रकारों को नया मंच दिया, वहीं महिला पत्रकारों के लिए यह प्लेटफॉर्म कई बार डर और ट्रोलिंग का कारण भी बन गया। ट्रोल्स की भाषा, धमकियाँ और चरित्र हनन—ये सब मिलकर एक महिला पत्रकार को अपनी सीमाओं में सिमटने पर मजबूर कर देते हैं। सवाल सिर्फ आज़ादी का नहीं है, सवाल सुरक्षित आज़ादी का है।

ये भी देखें –

खबर लहरिया को ‘कॉमनवेल्थ प्रेस यूनियन के एस्टोर अवार्ड’ से किया गया सम्मानित

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *